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बांके बिहारी जी मन्दिर में नव वर्ष के अवसर पर दृष्टिगत निम्न गाइडलाइंस

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बांके बिहारी जी मन्दिर में नव वर्ष के अवसर पर श्रृद्धालुओं की अपार भीड़ आयेंगे, जिसके दृष्टिगत निम्न गाइडलाइंस जारी की गई है

दर्शनार्थीगण मंदिर प्रबंधन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा बनाये गये रूट चार्ट एवं नियमों का पालन करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लगातार की जा रही एनाउंसमेंट / सूचना को ध्यान पूर्वक सुने एवं उसका पालन करें।

भीड़ के समय वृद्ध, दिव्यांगजन, छोटे बच्चों एवं बीमार व्यक्तियों को मंदिर परिसर में ना लाए।

मन्दिर आते समय श्रृद्धालु किसी भी प्रकार का कीमती सामान / आभूषण अपने साथ न लाए।

सभी श्रद्धालु कृपया मंदिर में प्रवेश/ निकास हेतु निर्धारित प्रवेश एवं निकास मार्ग का ही प्रयोग करे तथा एकल मार्गीय व्यवस्था अनुसार दर्शन कर अपने गंतव्य को प्रस्थान करे, जिससे पीछे से आने वाले अन्य दर्शनार्थियों को दर्शन का पर्याप्त लाभ मिल सके।

मंदिर परिसर के पास जूता चप्पल रखने की कोई व्यवस्था नहीं है, कृपया मंदिर में जूता-चप्पल पहनकर न आए। जूता चप्पल रखने की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन द्वारा नगर निगम एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से मंदिर से जुड़ने वाले सभी प्रवेश मार्गों जैसे विद्यापीठ चौराहा, जुगल घाट, जादौन कार पार्किंग, हरिनिकुंज चौराहा एवं गौतम पाड़ा पर बनाए नए जूता घर में की गई है। प्रवेश एवं निकास मागों की गलियां अलग अलग रास्तों में खुलने के कारण आप मंदिर चबूतरा पर अथवा नीचे गली में उतारे गये अपने जूते चप्पल को पुनः प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसलिए जूता चप्पल निर्धारित जूता घर में उतारे अथवा होटल, गाडी में उतार कर आए अथवा नंगे पांव आए।

जेबकतरों, चैनकतरो व मोबाइल चोरों से सतर्क / सावधान रहें। वृद्धों व बच्चो की जेब में नाम, पता व फोन नम्बर की पर्ची अवश्य लिख कर रखे ताकि किसी भी परिजन के बिछड़ने पर आपको सूचित किया जा सके। किसी भी संदिग्ध गतिविधि अथवा वस्तु की सूचना अपने पास खड़े सुरक्षा कर्मचारी अथवा पुलिस कर्मचारी को अवश्य दें।

दर्शनार्थीगणों की सुविधा हेतु खोया पाया केन्द्र मंदिर कार्यालय एवं बिहारी जी पुलिस चौकी पर बनाया गया है।निर्बाध आवागमन हेतु रास्ते में खड़े होकर सेल्फी ना खीचे एवं मार्ग अवरूद्ध ना करे। व्यवस्था बनाने में आप सभी दर्शनार्थी का सहयोग सादर अपेक्षित है। कृपया व्यवस्था बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें।

दर्शनार्थीगण दर्शन पश्चात मंदिर परिसर एवं गलियों में अनावश्यक रूप से खड़े ना हो, दर्शन पश्चात शीघ्र अपने गंतव्य को प्रस्थान करे जिससे अन्य दर्शनार्थीयो को दर्शन का समुचित लाभ मिल सके।

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