ई रिक्शा चालकों व डीलरों की आवाज उठाने के लिए बना नया संगठन
1 min readमथुरा, नव निर्माण भारत। वृंदावन और गोवर्धन में लगने वाले जाम का कारण ई-रिक्शा को बताकर प्रशासन ने इनकी बिक्री पर रोक लगा दी है। एआरटीओ कार्यालय में इनका पंजीकरण नहीं होने से जिले में ई-रिक्शा नहीं बिक पा रहे हैं। प्रशासन की इस नीति से डीलर्स भी मुसीबत में आ गए। गुरुवार को डीलर्स ने अपनी मंशा को स्पष्ट करते हुए कहा, प्रशासन रोजगार नहीं दे पा रहा है तो डीलर्स को जहर ही दे दे।
मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन कस्बा में जाम की समस्या है। प्रशासन ने इसका कारण ई-रिक्शा को बताया है। प्रशासन का मानना है, सड़कों पर इनकी संख्या अत्यधिक हो गई है। इसलिए जाम की समस्या बनी हुई है। इसको लेकर के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने पूर्व में ही ई-रिक्शा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। एआरटीओ को भी ई-रिक्शा का पंजीकरण न करने के निर्देश दिए गए थे। इसलिए इनकी जिले में कहीं भी बिक्री नहीं हो पा रही है। प्रशासन की इस नीति से परेशान डीलर्स ने जिला मथुरा ई-रिक्शा व्यापार एसोसिएशन गठित की है।
गुरुवार को जयगुरूदेव रेस्टोरेंट पर एसोसिएशन ने बुलाई पत्रकार वार्ता में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन जब उनको रोजगार को उजाड़ रहा है तो उनको रोजगार की व्यवस्था करे। अगर, वह यह नहीं कर सकता है तो डीलर्स का जहर ही दे दे। संतोष यादव और जगराम भारतीय ने कहा कि दो महीने हो गए ई-रिक्शा का पंजीकरण न होने से इनकी बिक्री नहीं हो पा रही है। इसके कारण वह अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं। यहां तक उनके सामने भी रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया ।
उन्होंने कहा मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन में ई-रिक्शा जाम कारण बने हुए है तो वहां के लिए पंजीकरण न किए जाएं, लेकिन जिले के दूसरे हिस्सों में ई-रिक्शा का पंजीकरण तो खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इस मौके पर एसोसिएशन के संरक्षक शंकर चौधरी भी मौजूद रहे।