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नव निर्माण भारत

Shri Krishna Janmabhoomi केस में Video Confrence से बहस हुई।

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नव निर्माण भारत, मथुरा | श्री कृष्ण जन्मभूमि ( Shri Krishna Janmbhoomi) मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और बादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ( Mahendra Pratap Singh advocate) ने केस में विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तक वीडियो कांफ्रेंस ( Video confrence ) के द्वारा प्रस्तुत की जिसमें साखी मुस्तैक खान ( Sakhi mustaik khan) की मासरे आलम गिरी ( Masare aalam giri ) ,एफ एस ग्राउज की मथुरा मेमोआयर,(Mathura memoir) मथुरा गजेटियर (Mathura Gazetteer) और औरंगजेब नामा, (Aurangzeb Nama) फ्रैंकौस गुटियर (Francois Gautier) की किताब (book) औरंगज़ेब (Aurangzeb) आईकोलिज्म (Iconolism) प्रस्तुत की।

जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि इस औरंगजेब (Aurangzeb) के द्वारा 1670 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ( Shri Krishna Janmbhoomi) से स्वर्ण जडित छोटे बड़े विग्रह ले जाकर के आगरा (Agra) में जामा मस्जिद (Jama Masjid) (बेगम साहिबा की मस्जिद) (Begum Sahiba’s Mosque) की सीढ़िया में दफन कर दिए गए।

जिससे यह लोग पैरों से चढ़ते उतरते थे और मथुरा (Mathura) का नाम बदलकर इस्लामाबाद (Islamabad) कर दिया था अन्य पुस्तक (Pustak) भी विदेशी (Videshi) इतिहासकारों की कोर्ट (Court) में साख्य के द्वारा वीडियो कांफ्रेंस ( Video confrence ) के माध्यम से साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई।

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