अब एपेक्स ग्रुप की बढ़ी मुश्किलें, निदेशक सतनाम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज
1 min readदिल्ली, दीया निगुरिया। आवास विकास परिषद ने गौड़ संस के बाद अब एपेक्स ग्रुप की मुश्किलें बढ़ा दी है। एपेक्स ग्रुप के खिलाफ अब बड़ी कार्यवाई को गई है। डायरेक्टर सतनाम सिंह के खिलाफ विजयनगर थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। बिना ईडब्ल्यूएस और अन्य बाकी सुविधाओं के निर्माण और साथ ही बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के फ्लैटों पर कब्जा लेने पर ये कार्यवाई की है। अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही ग्रुप पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। इसी के साथ आपको बता दे की बिल्डर पर रेरा यानी रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम के तहत भरी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
आवास विकास परिषद सिद्धार्थ विहार योजना में कई बिल्डर ग्रुप हाउसिंग योजनाएं विकसित कर रहे है, और इसी में एपेक्स क्रिमलिन प्रोजेक्ट भी शामिल है। जानकारी के अनुसार, परिषद के अधिशासी अभियंता अमन त्यागी ने बताया है कि सिद्धार्थ विहार सेक्टर 4 में एपेक्स ग्रुप हाउसिंग के लिए भूखंड आवंटित किया गया था। ग्रुप हाउसिंग एपेक्स क्रिमलिन के लगभग 1172 फ्लैटों के अलावा बिल्डर को 118 ईडब्ल्यूएस, आंगनवाड़ी, पुलिस चौकी इत्यादि का निर्माण भी करवाना था। आरोप ये लगाया जा रहा है की बिल्डर की ओर से किसी भी सुविधा का निर्माण नहीं कराया गया है। जिसके बाद डायरेक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। फिलहाल इस पूरे मामले पर निदेशक सतनाम सिंह ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है।
इससे पहले हो चुकी है गौड़ संस पर भी FIR
एपेक्स ग्रुप से पहले सिद्धार्थ विहार में ग्रुप हाउसिंग बना रहे गौड़ संस पर भी एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसी के साथ गौड़ संस के प्रोजेक्ट गौड़ सिद्धार्थम पर भी परिषद का साढ़े तीन सो करोड़ रूपये से अधिक का बकाया रहता है। इतना ही नहीं बिना कंप्लीशन के गौड़ संस से एक हजार से ज्यादा आवंटियों की रजिस्ट्री भी करवा दी है।
बिना प्रमाण पत्र पेजेंशन नहीं दे सकते बिल्डर
यूपी अपार्टमेंट एक्स के नए नियमों के अनुसार यदि देखा जाए तो बिना पूर्णता प्रमाण पत्र लिए कोई भी बिल्डर आवंटियों को कब्जा नहीं से सकते। और न ही उस फ्लैट की रजिस्ट्री करा सकते है। लेकिन बिना नियमों को माने देखा गया की बिल्डर लगातार फ्लैटों का कब्जा लोगों को दे रहे है और साथ ही रजिस्ट्री भी करा रहे है। इस मामले में अब आवास विकास परिषद के आयुक्त रणवीर प्रसाद पर सख्त कार्रवाई दिखाई है। और इनकी इस सख्ती के बाद ही गौड़ संस और एपेक्स ग्रुप पर कार्यवाई दिखाई गई।