भानु प्रताप शुक्ला की जयंती पर राष्ट्र चिंतन दिवस समारोह हुआ सम्पन्न
2 min readनव निर्माण भारत , मथुरा वृन्दावन | राष्ट्र चिंतन दिवस (National Reflection Day) का आयोजन
वात्सल्य ग्राम (Vatsalya Gram) के निर्माण में अपना उत्कृष्ट योगदान देने वाले देश के महान चिंतक एवं राष्ट्रवादी पत्रकारिता (Nationalist Journalism) के पर्याय वरिष्ठ पत्रकार (Senior Journalist) साकेत वासी श्री भानु प्रताप शुक्ल जी (Shri Bhanu Pratap Shukla Ji) के जयंती समारोह (Jayanti Samaroh) को समविद गुरुकुलम् गर्ल्स सैनिक विद्यालय वृन्दावन (Samvid Gurukulam Girls Sainik Vidhyalay Vrindavan) में राष्ट्र चिंतन दिवस (National Reflection Day) के रूप में मनाया गया।
स्कूल (School) की संरक्षिका एवं वात्सल्य (Vatsalya) मयी अधिष्ठात्री परम पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी (Adhishthatri Param Pujya Didi Maa Sadhvi Ritambhara)के श्री चरणों में श्रद्धा भाव (Shri Charnon Mai Shraddha Bhav) के साथ प्रणाम समर्पित करते हुए कार्यक्रम (KaryaKram) का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्री विजय त्रिपाठी जी (Sarvapratham Mukhya Atithi Shri Vijay Tripathi Ji) ( जयंतु हिन्दु विश्व पत्रिका – संपादक) (Jayanthu Hindu Vishav Patrika Sampadak) साथ पत्नी (With Wife) श्रीमती रमन त्रिपाठी जी (Shri Mati Raman Tripathi ji) एवं विशिष्ट अतिथि (Vishisht Atithi) डॉ कमलकांत उपमन्यु जी (Dr. Kamal Kant UpManyu Ji)
(राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट) (Rasthreey Upaadhyaksh National Union Of Journalists) के साथ विद्यालय डायरेक्टर (Vidhyalay Director) श्री नूतन चंद्रा जी (Shri Nutan Chandra ji) प्राचार्या श्रीमती कल्याणी दीक्षित जी (Praacharya Shri Mati Kalyani Dixit) ने माँ वीणावादिनी वागेश्वरी (Maa Veenavadini Vageshwari) के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन (Deep Prajjavalan) कर साकेत वासी (Saket Wasi) श्री भानुप्रताप शुक्ल जी (Shri Bhanu Pratap Shukla Ji) के छायाचित्र (Chhaya Chitra) पर माल्यार्पण किया।
तत्पश्चात् एजूकेशन डायरेक्टर जी ( Education Director Ji) ने मुख्य अतिथि (Mukhaya Atithi) एवं विशिष्ट अतिथि (Vishisht Atithi) का पटका (Patka) व स्मृति चिह्न (Smrati Chihn) देकर अभिनंदन , सम्मानित किया । श्री विजय कुमार त्रिपाठी जी (Shri Vijay Kumar Triphati Ji) ने शहीद स्मृति समिति (Shahid Smrati Chihn)के संस्थापक (Sansthapak) डॉ . प्रेम कुमार शुक्ल जी (Dr. Prem Kumar Shukla Ji ) एवं अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण परिषद (Akhil Bharateey Svatantrata Senani Parivar Kalyan Parishad) के संस्थापक (Sansthapak) श्री नित्यानंद शर्मा जी (Shri Nitayanand Sharma Ji) का पटका (Patka) व स्मृति चिह्न(Smrati Chihn) देकर अभिनंदन (Abhinadan) किया।
राष्ट्र कवि (Rastra Kavi) डॉ उमा शंकर राही जी (Dr. Uma Shankar rahi Ji) ने श्री भानु प्रताप जी (Shri Bhanu Pratap Ji) के बालपन का चित्रण करते हुए बताया कि वे बचपन से ही अध्ययन शील रहे तथा पत्रकारिता (Patrakarita) के अंकुर बचपन में ही फूट चुके थे। आज हम वात्सल्य (Vatsalya) की परिकल्पना में सहयोगी दीदी माँ जी (Didi Maa Ji) के मानस पुत्र अभूतपूर्व कृति का जन्मोत्सव चिंतन दिवस (Janamo chintan Utsav) के रूप में मना रहे हैं। लेखन कला (Lekhan Kla) में निपुण ख्याति प्राप्त सहयोगी (Nipuran Khyati Prapat Sahyogi) व समर्पण प्रेमी (Sampran Premi) थे।
विद्यालय (Vidhyalay) की छात्राओ ने देश भक्ति (Desh Bhakti) से ओतप्रोत (देश पर मिट जाने को मैंने जन्म लिया) से सभी दर्शको को देश प्रेम (Desh Prem) से सराबोर कर दिया । सम्भाषण प्रतियोगिता (Sambhashan Pratiyogita) में विजेता 11वीं की छात्रा (Vijayeta 11th Ki Chhatra) राधे मल्होत्रा (Radhe Malhotra) ने राष्ट्रोत्यान (Rastrotyana) में मीडिया (Media) की भूमिका विषय (Bhumika Viushaya) पर अपने विचार प्रकट (Vichar Prakat) किए ।
राष्ट्र चिंतन दिवस (National Reflection Day) से पूर्व विद्यालय (Purav Vidhyalay) में कविता, (Kavita) संभाषण (Sambhasan) एवं चित्रांकन (And Chitraakan) प्रतियोगिताओं (Pratiyogitaon) का आयोजन किया गया था । सम्भाषण (Sambhasan) में ओजस्विनी सदन (Ojaswini Sadan) (कनिष्ठ वर्ग) से अवनी चौधरी , (Avani Choudhary) ओजस्विनी सदन (Ojaswini Sadan) (वरिष्ठ वर्ग) से राधे मल्होत्रा (Radhe Malhotra) प्रथम एवं कविता (Pratham And kavita) में निधि प्रथम स्थान (Nidhi Pratham Sthan) पर रहीं |
व चित्रांकन प्रतियोगिता (Chitraakan Pratiyogitaon)में आनिया सैलानी (Aaniya Sailani) , अक्षिया टॉक (Akshia Tok)ने प्रथम स्थान प्राप्त(Pratham Sthan Prapat) किया । समस्त विजेता प्राप्त छात्राओं (All Winning Students) को मुख्य अतिथि (Mukhaya Atithi) जी ने टॉफी (Trophy) प्रदान की । डॉ . प्रेम कुमार शुक्ल जी (Dr. Prem Kumar Shukla Ji) ने आल्हा छंद (Aalah Chhand) में कविता (Kavita) का गायन कर सभी का मन मोह लिया ।
विशिष्ट अतिथि डॉ . कमल कांत उपमन्यु जी (Vishisht Atithi Dr. Kamal Kant UpManyu Ji) ने अपने अभिभाषण (Abhibhasan) में भानु प्रताप शुक्ल जी (Bhanu Pratap Shukla Ji) के स्वभाव का चित्रण करते हुए राजनैतिक (Rajnaitik) ,सामाजिक (Samajik) कार्य करते हुए भी वे गेरुआ वेश (Gerua Vesh) से कम नहीं थे। साथ ही दीदी माँ जी (Didi Maa Ji) के वात्सल्य (Vatshalay) का आभार व्यक्त किया । मुख्य अतिथि श्री विजय कुमार त्रिपाठी जी (Mukhya Atithi Shri Vijay Kumar Tripathi Ji) ने भानु भइया (Bhanu Bhaiya) के सानिध्य का वर्णन करते हुए |
कहा कि वे पांचजन्य नामक पत्रिका (Panchjanya Namak Patrika) के संपादक (Sampadak) के साथ प्रबल ,प्रखर शब्दों के सिपाही (Sipahi) थे वह युगदृष्टा पत्रकार (Yugadrshta Patrakar) थे, भानु जी (Bhanu Ji) ने कभी कलम (Kamal) के साथ समझौता नहीं किया जो दिखा वही लिखा। उन्होंने सदैव राष्ट्रवाद (Sadaiv Rastravad) को ही महत्व दिया।
इसके साथ ही भभुवा बिहार (Bhbhuva Bihar) के कवि सिपाही पाण्डेय (Kavi Sipahi Pandey) “मनमौजी “ (Manmoji) द्वारा लिखित भारतीय स्वतंत्रता सेनानी नामक पुस्तक (Likhit Bharateeya Swantrata Senani Namak Pustak ) का श्री विजय कुमार त्रिपाठी (Shri Vijay Kumar Tripathi) एवं डॉ कमलकान्त उपमन्यु (Dr. Kamalkant Upmanyu) ने विमोचन किया ।
शहीद स्मृति चेतना समिति (Shihid Smrti Chetna Samiti) की ओर से प्रेम शुक्ल जी (Prem Shukla Ji) ने अतिथियो (Atithiyon) को पटका ,(Patka) पगड़ी (Pagdi) पहनाकर सम्मानित (Sammanit) किया ।
इस अवसर पर सूबेदार मेजर (Subedar Major) रमेश चंद्र शर्मा ,(Ramesh chandra Shrama) चंद्रपाल सिंह (Chandrapal Singh) ( पूर्व सैल टैक्स अधिकारी) (Former Cell Tax Officer) एवं त्रिभुवन शर्मा (Tribhun Sharma) (अधिवक्ता दिल्ली हाई कोर्ट), (Advocate Delhi High Court) समस्त शिक्षक / शिक्षिका (Samast Shikshak / Shikshika) वरिष्ठ हिन्दी शिक्षक (Varishat Hindi Shikshak) श्रीमती गीता शर्मा (Shri Mati Geeta Sharma) , धनंजय मिश्रा (Dhananjay Mishra) के निर्देशन (Nirdheshan) में छात्रा प्रतिष्ठ एवं प्रकृति ने मंच का संचालन किया। प्रधानाचार्य (Pradhanacharya) डॉ कल्याणी दीक्षित (Dr. Kalyan Dixit) ने आभार व्यक्त किया।